उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर में 12.5% की गिरावट, सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का असर

उत्तराखंड ने मातृ मृत्यु दर कम करने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। महापंजीयक की नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) की जारी रिपोर्ट में राज्य में मातृ मृत्यु दर में 12.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। प्रदेश में गर्भवती की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु को कम करने में सरकार का विशेष फोकस है। गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के साथ प्रसव के घर तक छोड़ने की निशुल्क सुविधा है।

सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पतालों के आसपास बर्थ वेटिंग रूम की व्यवस्था की गई। सरकार के प्रयासों से मातृ मृत्यु दर में अच्छे नतीजे सामने आए हैं। एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 2020-22 में मातृ मृत्यु अनुपात 104 था। जो घट कर 91 पर आई है। अनुपात में 13 अंकों की कमी और मातृ मृत्यु में 12.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, मातृ मृत्यु दर में कमी आना एक बड़ी उपलब्धि है। जो राज्य सरकार की समर्पित नीतियों, स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। उन्होंने मातृ स्वास्थ्य को और मजबूत बनाने के लिए सतत प्रयास जारी रखने का संकल्प दोहराया।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, मातृ स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रत्येक गर्भवती को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवाएं उपलब्ध करना हमारा संकल्प है। प्रदेश में  प्रत्येक मातृ मृत्यु की समयबद्ध सूचना व गहन विश्लेषण के आधार पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की जा रही है।

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