गंगा की वार्षिक बंदी दो अक्तूबर की मध्यरात्रि से शुरू हो गई है। इस बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हरकी पैड़ी तक पर्याप्त जल पहुंचाने की व्यवस्था भी की है। शुक्रवार को यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी पोकलैंड लेकर नदी की धारा में उतरे और बड़ी धारा की तरफ जल ना जाए इसके लिए उन्होंने दोनों तरफ बांध बनाकर हरकी पैड़ी तक जल पहुंचाने की व्यवस्था की।
बीते वर्षों में वार्षिक बंदी के दौरान व्यापारी से लेकर श्रद्धालु और श्रीगंगासभा के पदाधिकारी तक हरकी पैड़ी तक जल अनिवार्य रूप से छोड़ने के लिए पत्राचार करते थे। इस बार समस्या को देखते हुए अधिकारियों ने स्वत: मामले का संज्ञान लिया और वार्षिक बंदी के दौरान आचमन, स्नान, आरती और गंगा दर्शन के साथ पूजन की पूरी व्यवस्था की गई है।
हरकी पैड़ी के बाद जल की धारा नहीं बहेगी। इसके बाद केवल मेंटीनेंस के कार्य होंगे। वहीं, हरकी पैड़ी पर पूर्ण रूप से स्नान, आचमन और आरती के लिए पूरी व्यवस्था रहेगी। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारी मातहतों के साथ इस व्यवस्था को बनाने में पूरे दिन जुटे रहे।