वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शम्स ने शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राज्य में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें लावारिस शव की पहचान नहीं हो पाती। यद्यपि यह पता लग जाता है कि मृतक किस धर्म से है लेकिन लावारिस होने के कारण शव के कफन-दफन में दिक्कत आती है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड निकट भविष्य में लावारिस शवों के सुपुर्द-ए-खाक का पूरा खर्च उठाएगा। इसके साथ ही मुस्लिम समाज के आर्थिक रूप से कमजोर उन परिवारों की मदद भी करेगा, जो किसी अपने की मृत्यु होने पर उसके कफन-दफन का खर्च नहीं उठा पाते। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की अगले माह होने वाली बैठक में इस सिलसिले में प्रस्ताव लाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शम्स ने शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि राज्य में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें लावारिस शव की पहचान नहीं हो पाती। यद्यपि, यह पता लग जाता है कि मृतक किस धर्म से है, लेकिन लावारिस होने के कारण शव के कफन-दफन में दिक्कत आती है।
सुपुर्द-ए-खाक का पूरा खर्च उठाएगा वक्फ बोर्ड
इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जब कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण संबंधित परिवार किसी अपने के कफन-दफन का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं होता। इन सभी मामलों में सुपुर्द-ए-खाक का पूरा खर्च वक्फ बोर्ड वहन करेगा। उन्होंने कहा कि हम देवभूमि उत्तराखंड में रहने वाले लोग हैं तो हमारे सभी कार्यों में मानवता दिखाई देनी चाहिए।