मध्य प्रदेश और हरियाणा में कांग्रेस संगठन सुधार की पहल, कार्यकर्ताओं से व्यापक विचार-विमर्श

मध्य प्रदेश और हरियाणा में एआईसीसी के पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं के समक्ष संगठन निर्माण की अपनी तरह की पहली कवायद में राहुल गांधी के पारदर्शिता के संदेश को रेखांकित कर रहे हैं. इस दौरान ये बता रहे हैं कि यह कवायद सामाजिक न्याय की अवधारणा से जुड़ी होगी.

अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेताओं सहित कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षकों को मध्य प्रदेश और हरियाणा में स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए तैनात किया गया है. ताकि नए जिला इकाई प्रमुखों के नामों को सूचीबद्ध किया जा सके, जो आने वाले दिनों में पुरानी पार्टी का नेतृत्व करेंगे. दोनों राज्यों में संगठन हाईकमान के लिए चिंता का विषय रहा है, जिसने हाल ही में जमीनी स्तर पर इकाइयों में सुधार की प्रक्रिया शुरू की है.

हरियाणा के भिवानी जिले के एआईसीसी पर्यवेक्षक मनोज चौहान ने ईटीवी भारत को बताया, ‘हमारे नेता राहुल गांधी का सपना है कि समाज के सभी वर्गों को न्याय मिले. हम देखेंगे कि किसकी संस्तुति सबसे अधिक होती है, लेकिन जब नए जिला इकाई प्रमुखों का चयन किया जाएगा तो यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि उनमें से कितने वंचित और पिछड़े समूहों से हैं.

इस प्रक्रिया में लोकतंत्र और सामाजिक न्याय का संतुलन होगा. इससे एक मजबूत संगठन सुनिश्चित होगा जो भविष्य में पार्टी को सत्ता में लाएगा. जैसा कि हमारे नेता समाज में सामाजिक न्याय की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं, वे पार्टी में भी इसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.’

चौहान ने आगे कहा कि कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए क्षेत्र में ब्लॉक-दर-ब्लॉक जाने के अलावा वह सामाजिक कार्यकर्ताओं और एससी/एसटी तथा ओबीसी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर उनके विचार भी सुन रहे हैं.

हरियाणा के रेवाड़ी में एआईसीसी पर्यवेक्षक ने ईटीवी भारत को बताया, ‘मैंने कोसली और बावल विधानसभाओं में स्थानीय नेताओं और इससे पहले रेवाड़ी शहर और धारूहेड़ा में कार्यकर्ताओं के समूहों के साथ अभियान के महत्व पर चर्चा की. इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करना, सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना और राज्य में एक मजबूत, एकजुट पार्टी का निर्माण करना है. प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अब तक कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर नियुक्तियां राज्य के कुछ शीर्ष नेताओं की मर्जी पर होती थी. अब राहुल गांधी इस परंपरा को बदलना चाहते हैं. इसके तहत कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक दोनों भाजपा शासित राज्यों में कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वे इस अभूतपूर्व अवसर का उपयोग नई व्यवस्था बनाने के लिए करें. साथ ही नए जिला इकाई प्रमुखों के रूप में वे जिन नामों को देखना चाहते हैं, उनका सुझाव दें, लेकिन उन्हें नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचने की सलाह भी दे रहे हैं.

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ईटीवी भारत से कहा, ‘हमने विदिशा में एक नया पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जहां हम पिछले कुछ सालों से लगातार हार रहे थे. इसलिए, हमने सोचा कि यह एक अच्छी शुरुआत होगी क्योंकि हम राज्य में पार्टी को फिर से खड़ा करने का संकल्प लेते हैं. पहले किसी क्षेत्र में चीयरलीडर्स को पार्टी के पद मिलते थे, भले ही कार्यकर्ताओं को इससे कोई परेशानी हो.

जीतू पटवारी ने कहा, ‘अब सब कुछ बदलने वाला है. कार्यकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे नए जिला इकाई प्रमुखों के चयन की प्रक्रिया के लिए अधिक से अधिक नाम सुझाएं, लेकिन उन्हें नकारात्मक टिप्पणी करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा. कार्यकर्ताओं को इस दुर्लभ अवसर का एहसास होना चाहिए जब निर्णय लेने में उनके विचारों को महत्व दिया जाएगा. हम स्थानीय टीम प्रमुखों को राज्य इकाई प्रमुख के लगभग बराबर बनाने की सीमा तक सशक्त बनाना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जब राहुल गांधी ने राज्य में इस प्रक्रिया की शुरुआत की थी, तो उनका संदेश स्पष्ट था कि अब से पार्टी नए जिला प्रमुखों के माध्यम से कार्यकर्ताओं के सुझावों के अनुसार काम करेगी.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *