देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून दस्तक देने जा रहा है. मॉनसून सीजन के दौरान प्रदेश से खासकर पर्वतीय क्षेत्र में आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं. लेकिन सबसे अधिक इस आपदा की वजह से सड़कों को नुकसान पहुंचता है. इसमें मुख्य रूप से भूस्खलन होने की वजह से न सिर्फ सड़क मार्ग बाधित हो जाते हैं बल्कि कई बार सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. जिसके कारण आवाजाही ठप हो जाती है. इसी को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने 338 वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए हैं. ऐसे में अगर मॉनसून के दौरान मुख्य मार्ग बाधित होते हैं तो उस दौरान वैकल्पिक मार्गों के जरिए यातायात को सुचारू किया जाएगा.
वैकल्पिक मार्ग किए चिन्हित: उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आपदा जैसे हालात बनते रहे हैं. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान प्रदेश की स्थिति काफी अधिक दयनीय हो जाती है. क्योंकि इस दौरान न सिर्फ प्रदेश के तमाम हिस्सों में जल भराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है, बल्कि यातायात बाधित हो जाता है. जिसके चलते तमाम ग्रामीण मार्गों का संपर्क शहरों से टूट जाता है. यही नहीं, आवाजाही करने वाले यात्रियों और स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में करीब 1104 सड़कें चिन्हित की हैं, जो मॉनसून सीजन के दौरान बाधित होती रही हैं. ऐसे में 1104 सड़कों के सापेक्ष 338 वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए हैं. ताकि यातायात को सुचारु किया जा सके.
तैनात होंगी 278 मशीनें: वहीं, लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष राजेश चंद्र शर्मा ने बताया कि हर साल की तरह ही आगामी मॉनसून सीजन को देखते हुए तैयारियां की गई हैं. क्रोनिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए जा चुके हैं. साथ ही जहां जहां पर जेसीबी और पोकलेन मशीनों की तैनाती की जानी है, उसका खाका भी तैयार कर लिया गया है. जिसके तहत मॉनसून सीजन के दौरान 278 मशीनों को तैनात किया जाएगा. इसके अलावा इस बार पीडब्ल्यूडी विभाग ने 1104 सड़कों को भी चिन्हित किया है, जो मॉनसून सीजन के दौरान होने वाले भूस्खलन की वजह से बाधित हो जाते हैं. ऐसे में यातायात को सुचारू करने के लिए 338 वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए गए हैं.

66 पुलों की मरम्मत: पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि प्रदेश में मौजूद पुलों की स्थिति को जानने के लिए जांच कराई गई थी. जिसमें 91 पुल अनसेफ पाए गए थे. जिसमें से 66 पुलों की मरम्मत की जा चुकी है. ऐसे में ये पुल यात्रा के लिए सुरक्षित हो गए हैं. बाकी बचे हुए पुलों को ठीक करने के लिए स्वीकृतियां दी जा रही हैं.

ऐसे में आगामी मॉनसून को देखते हुए अगले 15 दिन के भीतर प्रदेश में मौजूद सभी छोटे-बड़े पुलों का इंस्पेक्शन करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई भी पुल असुरक्षित पाया जाता है तो तत्काल उसको सुरक्षित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाए.