जल विद्युत परियोजनाओं की क्षतिपूर्ति का मैकेनिज्म बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने के बाद लागू होने वाले नियमों के कारण उत्तराखंड में जल विद्युत उत्पादन की संभावनाएं सीमित हो गई हैं। जल विद्युत क्षेत्र, विभिन्न कारणों से आर्थिकी में अपेक्षित योगदान नहीं दे पा रहा है, जिससे राजस्व के साथ-साथ रोजगार की भी भारी क्षति हो रही है। उन्होंने प्रभावित परियोजनाओं की क्षतिपूर्ति की राशि और संबंधित मैकेनिज्म निर्धारित करने का अनुरोध किया।
फ्लोटिंग पापुलेशन की अवस्थापना के लिए मिले विशेष सहायता
सीएम ने कहा कि राज्य में निरंतर आने वाली आबादी (फ्लोटिंग पापुलेशन) के कारण परिवहन, पेयजल, स्वास्थ्य, कचरा प्रबंधन व अन्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त अवस्थापना विकसित करनी पड़ती है। इसलिए जटिल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में अधिक लागत को ध्यान में रखते हुए विशेष सहायता प्रदान की जाए।
आपदा राहत एवं पुनर्वास के लिए आर्थिक सहयोग जरूरी
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड राज्य भूकंप, भूस्खलन, बादल फटने व हिमस्खलन जैसी विविध प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। इन आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतत आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।